पारस का पहाड़ (जादुई कहानियां हिंदी में)- mystery story in hindi:
चारों काफ़ी उत्साहित रहते हैं। लेकिन अचानक नदी में पानी का बहाव तेज होने लगता है। जिसे देखकर सभी दोस्त घबराने लगते हैं और वो जल्द से जल्द नदी के किनारे पहुँचने का प्रयास करते हैं। लेकिन नदी की धारा बहुत तेज होती है। इससे वह अपनी नाव का संतुलन खो देते हैं। नाव बहुत तेज़ बहते हुए अपने आप एक वीरान जगह मैं झाड़ियों में फँस जाती है। चारों दोस्त धीरे से बचते हुए नदी के किनारे एक पहाड़ी इलाक़े में आकर बैठ जाते हैं। विकास चारों तरफ़ नज़र घुमाता है और अपने दोस्तों से पूछता है। हम कहाँ आ गए ? ये कितनी अजीब जगह है। अब हम घर कैसे जाएँगे। विकास की बातें सुनकर सैम और रीता घबरा जाते हैं। तभी अभिषेक कहता है। अरे तुम लोग चिंता मत करो। मैं कुछ न कुछ रास्ता निकालता हूँ। वह सैम को अपने साथ चलने के लिए कहता है, ताकि वापस घर जाने के रास्ते का पता लगाया जा सके। वही विकास और रीता नदी के किनारे ही बैठ जाते हैं। विकास वहाँ पड़े सूखे पत्ते पर चित्रकारी करने लगता है, और रीता आस पास टहलने लगती है। यहाँ दूसरी ओर अभिषेक और सैम रास्ता ढूंढते ढूंढते काफ़ी दूर निकल आते हैं। अभिषेक अपनी जेब से गांजा निकाल कर पीने लगता है। तभी सैम नाराज़ होते हुए उसे मना करता है और अभिषेक सैम को पीछे हटने के लिए धक्का देता है। लेकिन सैम का पैर फिसल जाता है, और वह पहाड़ी से नीचे घने जंगलों में गिर जाता है। अभिषेक तुरंत पहाड़ी से नीचे झांक करके देखता है |
वह बहुत ज़ोर से चिल्लाता है। सैम .. वह पसीने से लथपथ हो जाता है। अभिषेक को समझ में आ जाता है कि सैम अब नहीं बच सकता। वह रास्ता ढूँढ़ते हुए वापस अपने दोस्तों के पास पहुँचता है, और सारी घटना विकास और रीता को बताता है विकास, अभिषेक को बहुत डांटता है, और कहता है तुम लापरवाह हो तुमने सैम को मार डाला और तीनों दुखी मन से धीरे धीरे अपने गाँव का रास्ता ढूंढते हुए वापस आ जाते हैं। सभी गाँव वाले यह बात जानकर अभिषेक को बहुत डांटते हैं, और सैम की माँ अपने बच्चे के लिए बहुत दुखी होती है। समय के साथ सभी उस घटना को भूल जाते हैं। लगभग 16 सालों बाद बचे हुए तीनों दोस्त अलग अलग हो जाते हैं। रीता की शादी एक वैज्ञानिक से हो जाती है। विकास फ़ैशन डिज़ाइनर बन जाता है और अभिषेक उसी गाँव में अपना जीवन बर्बाद करते हुए नशे में डूब जाता है। दरअसल वह बचपन के उस हादसे को अभी तक भूल नहीं पाया था। उसे रह रह कर सैम की याद आती है। यहाँ दूसरी ओर रीता के पति अपनी लैब में एक प्रोजेक्ट में काम कर रहे होते हैं। जिसमें वह पारस के जादुई पत्थर की खोज कर रहे थे।
दरअसल कई बरसों पहले ही सैटलाइट से खींची गई तस्वीरों का डाटा इनके हाथ लगा था। जिसमें उन्हें पारस पत्थर की पहाड़ियों का चित्र नज़र आया था। लेकिन वह उसकी सही लोकेशन का पता नहीं लगा पा रहे थे। रिसर्च करते कई दिन बीत चुके थे। एक दिन वह रीता के साथ उसी शहर आते हैं, जहाँ रीता का दोस्त विकास रहता था और रीता, विकास को फ़ोन करके उससे मिलने की योजना बनाती है। वह अपने पति को भी साथ चलने को कहती है। विकास का बहुत बड़ा फ़ैशन डिजाइनिंग कॉम्पटीशन होने जा रहा होता है। विकास उन्हें वही आमंत्रित करता है। दोनों पति पत्नी विकास के प्रोग्राम पर जाकर बहुत आनंद करते हैं। विकास को भी इतने दिनों के बाद रीता से मिलकर बहुत ख़ुशी होती है। विकास, रीता और उसके पति को अगले ही दिन अपने घर खाने के लिए बुलाता है। दोनों विकास के घर समय से पहुँच जाते हैं। विकास अकेला रहता है, इसलिए खाने की सारी तैयारी उसे ही करनी पड़ती है। लेकिन फिर भी उसने बहुत ही अच्छा इंतज़ाम किया होता है। तीनों साथ बहुत ही आनंद से खाना खाते हैं। उसके बाद विकास अपनी चित्रकारी रीता और उसके पति को दिखा रहा होता है। तभी रीता के पति, जो कि वैज्ञानिक हैं, उनके हाथ वही पत्ता लगता है, जिसमें विकास ने कई बरसों पहले चित्रकारी की थी। वैज्ञानिक यह देखकर सन्न रह जाता है। दरअसल उसमें वही पारस पत्थर के पहाड़ का चित्र बना होता है। जिसकी रिसर्च वह वैज्ञानिक कर रहा था। वैज्ञानिक तुरंत अपने रिसर्च सेंटर फ़ोन करके सिक्योरिटी फ़ोर्स बुलाता है, और विकास को गिरफ़्तार कर लिया जाता है।
दरअसल यह चित्र बहुत ही गुप्त दस्तावेजों में शामिल होती है, वैज्ञानिक को लगता है कि इतनी सीक्रेट इन्फोर्मेशन इसके पास होने का मतलब ज़रूर यह कोई ख़ास आदमी है। वैज्ञानिक उसे अपने रिसर्च सेंटर ले जाकर पूछताछ करता है। तभी विकास बताता है कि मैं, रीता और हमारे दो और दोस्त, बचपन में एक जगह घूमने गए थे। जहाँ हम फँस चुके थे। मैंने वही पहाड़ों को देखकर यह चित्र बनाया था, और वहाँ हमने अपने एक दोस्त को भी खो दिया था। वैज्ञानिक विकास की बात को प्रमाणित करने के लिए रीता को फ़ोन लगाता है, और रीता भी सारी बात हुबहू बता देती है। अब वैज्ञानिक, विकास की बात पर पूरा यक़ीन हो जाता है। तभी वैज्ञानिक सरकारी आदेश लेकर, एक दल का गठन करता है। जिसमें वह विकास और रीता को साथ ले जाता है, और उनके गाँव पहुंचकर सभी अभिषेक से मिलकर बहुत खुश होते हैं, और अभिषेक को भी इस दल में शामिल किया जाता है। बहुत साल होने के बाद प्राकृतिक परिवर्तन की वजह से उन्हें उस जगह पहुँचने में बहुत समस्या होती है, तभी वह पानी की बजाय जंगल के रास्ते से आगे बढ़ते हैं। उनके साथ कुछ गनमैन भी होते हैं। जो उनकी सुरक्षा के लिए उनके साथ चलते हैं। जंगल के ख़तरनाक रास्ते से सभी लोग आगे बढ़ते रहते हैं। और सभी एक जगह आराम करने के लिए बैठ जाते हैं। तभी कुछ के आदिवासियों का आक्रमण हो जाता है और सभी अपनी जान बचाकर इधर उधर भागते हैं। इसी भागा दौड़ी के बीच रीता दल से अलग हो जाती है, और वह भागते भागते एक सुनसान जगह पर पहुँच जाती है। तभी अचानक उसकी तरफ़ धारदार भाला ज़ोर से आता है, और एक क़बीले वाला उस भाले को पकड़ लेता है।
वह काफी बलसाली दिखाई देता है। उसके बहुत लंबे बाल होते हैं। रीता डर की वजह से अपनी आँख बंद करके बैठ जाती है। वह इंसान रीता से पूछता है। तुम लोग कौन हो, और इस घने जंगल में क्यों आयी हो। रीता उसे सारी बात बताती है। तभी उस क़बीले वाले इंसान को अपना बचपन याद आता है। दरअसल ये वही लड़का सैम होता है, जो पहाड़ी के ऊपर से गिरा था, और इसकी जान क़बीले के लोगों ने बचायी थी। तभी यह रीता की भाषा भी समझ पा रहा था और इसी बीच अभिषेक भी वहाँ आ जाता है। अभिषेक को देखकर रीता उसके गले लग जाती है और उसे बताती है, कि यह हमारा बचपन का दोस्त सैम है। जिसे तुमने खाई से धकेल दिया था। लेकिन सैम को पता होता है कि, वह तो सिर्फ़ एक हादसा था, और तीनों एक साथ मिलकर बहुत ख़ुश होते हैं। तभी रीता बताती है कि विकास भी उनके साथ आया है। सैम ख़ुशी ख़ुशी विकास से मिलने के लिए उतावला होता है। सैम क़बीले बालों के बीच रहता है, इसलिए वह अपनी भाषा में क़बीले के लोगों को शांत कर देता है। सभी साथ मिल कर वैज्ञानिक के पास पहुँचते हैं, और रीता अपने पति को सारी बात बता देती है। सैम यहाँ कई सालों से रह रहा होता है। इस वजह से उसे उन पारस पत्थर के पहाड़ों के बारे में जानकारी होती है।
उस पहाड़ को कबीले वाले लोग अपना देव स्थान मानते हैं। वह सारी टीम को उस पहाड़ी के पास ले जाता है, और वैज्ञानिक यह देखकर ख़ुशी से उछल पड़ता है। दरअसल पारस पत्थर मैं ऐसी शक्ति होती है, कि उसे किसी भी धातु से स्पर्श करने के बाद वह सोने की हो जाती है। वैज्ञानिक ने बहुत बड़ी सफलता प्राप्त कर ली थी, और चारों बिछड़े हुए दोस्तों को फिर से इस घटना ने मिला दिया था। सभी अपने गाँव आकर यह बात बताते हैं। गाँव वाले यह सब जानकर बहुत ख़ुश होते हैं। वैज्ञानिक को भी उसकी इस खोज के लिए सरकार से बहुत बड़ा पुरस्कार दिया जाता है, और उस पहाड़ को सिक्योरिटी के साथ संरक्षण दिया जाता है, और इस जादुई पत्थर की कहानी का अंत हो जाता है।