jadui kahani in hindi | एक लकड़हारा

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एक लकड़हारा (mystery series)| बहुत अच्छी अच्छी कहानियां (jadui kahani in hindi):

mystery series– एक लकड़हारा बहुत ग़रीब था, लेकिन वह ग़रीब होने के साथ साथ बहुत ईमानदार भी था | रोज़ाना सुबह जंगल जाता, और वहाँ से अपने जीवनयापन करने के लिए लकड़ियाँ काट के लाता | एक दिन वह अपने रोज़ाना कार्य के अनुसार जंगल के लिए निकलता है |अचानक बादल गरजने लगते हैं। लकड़हारे की पत्नी लकड़हारे से कहती है, “सुनिए जी हमारे घर की छत कमज़ोर हो गई है। इसे मरम्मत की आवश्यकता है” लेकिन लकड़हारा ग़रीबी की वजह से अपने घर की मरम्मत नहीं करवा सकता। वह अपने पत्नी से अपनी मजबूरी का दुख व्यक्त नहीं करना चाहता, इसलिए वह बिना कुछ बोले घर से निकल जाता है। लकड़हारा थोड़ी ही दूर पहुँचता है, कि अचानक मूसलाधार बारिश होने लगती है। लकड़हारा वापस अपने घर की ओर लौट आता है। वह देखता है, कि उसकी पत्नी घर की छत को बाँध रही है। चारों तरफ़ से पानी टपक रहा है।

एक लकड़हारा (mystery series)| बहुत अच्छी अच्छी कहानियां (jadui kahani in hindi):
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उसे कुछ समझ नहीं आता। वह भागकर अपनी पत्नी की मदद करता है। जल्दी से अपने घर की छत, लकड़ी की सहायता से बाँध देता है। वह बहुत चिंतित होता है। उसके घर के ऐसे हालात और उसे आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लकड़ी लेने भी जाना है। वह अपनी पत्नी को दिलासा देकर पुनः जंगल के लिए निकल जाता है। बारिश की वजह से लकड़ियाँ गीली हो चुकी थी। लकड़हारा सूखी लकड़ियों की तलाश में जंगल के अधिक अंदर चला जाता है। लकड़हारा जैसे ही जंगल पहुँचता है। वहाँ एक आदमी पहले से ही लकड़ियाँ काट रहा होता है। लकड़हारा यह देखकर आश्चर्य चकित होता है, क्योंकि आज से पहले वह जंगल के इतने अधिक अंदर नहीं आया था। तभी उस आदमी की नज़र लकड़हारे पर पड़ती है और वह पूछता है। क्या तुम भी लकड़ियों के लिए आए हो ? लकड़हारा उतावलेपन में जवाब देता है। “जी हाँ” और जिज्ञासा भरी आवाज़ से पूछता है। “महोदय आप कौन हैं” तभी वह इंसान मुस्कुराते हुए, अपने काम में लग जाता है। लकड़हारा भी उसे नज़रअंदाज़ करके अपने काम में लग जाता है। कुछ समय बाद लकड़हारा अपनी लकड़ियों को इकट्ठा करके एक साथ बाँध लेता है और पेड़ के नीचे बैठकर आराम करने लगता है। थोड़ी देर के बाद लकड़हारा उस आदमी से औपचारिकता बस कहता है। “मेरा काम हो गया। अब मैं निकलता हूँ” वह इन्सान इस बार भी उसकी बात का कोई जवाब नहीं देता।

एक लकड़हारा best hindi story
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लकड़हारा उसके ऐसे व्यवहार से दुखी हो जाता है और अपने लकड़ियों के ढेर के पास पहुँचता है। लेकिन वह देखता है, कि वहाँ दूसरे तरह की लकड़ियां दिख रही थी। वह चिंतित हो जाता है और भागते हुए उस आदमी के पास पहुँचता है और गुस्से में कहता है। “क्या आपने यहाँ किसी और को देखा है, क्योंकि मैंने जो लकड़ियाँ इकट्ठा की थी वह वहाँ नहीं है बल्कि कोई और लकड़ियाँ है। लगता है कोई मेरी लकड़ियाँ चुराके ले गया”। तभी वह इन्सान लकड़हारे से कहता है। “चलो मुझे दिखाओ, तुमने कहाँ लकड़ियाँ रखी थी” जैसे ही लकड़हारा उसे लकड़ियों के पास ले जाता है। वह एक लकड़ी उठाके लकड़हारे की तरफ उत्साहित होकर देखता है और कहता है। “अरे तुम्हारी लकड़ियाँ तो सोने की बन चुकी है” और यह बात बताते हुए वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगता है। लेकिन लकड़हारे के चेहरे मैं चिंता की लकीरें साफ़ साफ़ नज़र आ रही थी। लकड़हारा तो केवल अपनी लकड़ियों के लिए ही चिंतित था। लकड़हारा दुखी होकर ज़मीन में बैठ गया। तभी वह आदमी लकड़हारे से पूछता है, कि “तुम्हें लकड़ियों से भी अमूल्य वस्तु मिल चुकी है। फिर भी तुम दुखी हो। क्या तुम्हें ज्ञात नहीं, कि सोने की लकड़ियों का क्या मोल है।

एक लकड़हारा magical best hindi story
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तुम तो इन स्वर्ण लकड़ियों से सारा जंगल ख़रीद सकते हो। फिर भी तुम तुच्छ सी लकड़ियों के लिए बिलाप कर रहे हो”। तभी लकड़हारा भावुक स्वर मैं कहता है। “मैं सिर्फ़ अपनी मेहनत से प्राप्त की गई वस्तु पर प्रसन्न होता हूँ। यह स्वर्ग लकड़ियाँ, मेरे कोई काम की नहीं। मुझे तो अपनी वहीं लकड़ियाँ चाहिए, जो मैंने इकट्ठा की थी”। लकड़हारे की यह बात सुनते ही वह इन्सान चमत्कारी रूप में दिखाई देने लगते हैं। लकड़हारा इतना विशाल रूप देखकर हाथ जोड़कर खड़ा हो जाता है और उसे एहसास हो जाता है। यह ज़रूर कोई देवपुरुष है। अचानक लकड़हारे के सामने उसका पुराना लकड़ी का ढेर दिखाई देने लगता है। लकड़हारा जल्दी से भागकर अपनी लकड़ियों को पकड़ लेता है। देव उसकी ईमानदारी बहुत प्रसन्न होते हैं, और उसे आशीर्वाद देकर विदा कर देते हैं। लकड़हारा अपनी लकड़ियाँ लेकर अपने घर आ जाता है। लेकिन थका हारा जैसे ही वह अपने घर पहुँचता है, तो उसकी आँखें चकाचौंध हो जाती है। उसका घर जिसकी हालत बहुत ख़राब थी। अब वह किसी महल से कम नहीं लग रहा था।

jadui kahani in hindi
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लकड़हारा यह सब देखते ही समझ गया, कि यह ज़रूर उसी देव की महिमा है। लकड़हारे की पत्नी को जब सारी बात पता चली वह ख़ुशी से उत्साहित हो गई। लकड़हारा और उसकी पत्नी यह चमत्कार देखकर ख़ुशी से रोने लगे। लकड़हारे की ईमानदारी ने उसे जीवन भर के लिए धनवान कर दिया था |

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