दोस्तों नमस्कार! मेरा नाम नीरज चतुर्वेदी है। मैं एक भारतीय कहानीकार हूँ। कई साल नौकरी और व्यवसाय के अनुभव के बाद, मुझे अपनी ज़िंदगी में एक बड़े बदलाव की अहमियत महसूस हुई इसलिए, मैंने तय किया कि मुझे अपने साथ साथ सामाजिक बदलाव के लिए, कुछ सकारात्मक क़दम उठाने चाहिए और मेरी नज़र आज के विद्यार्थियों पर पड़ी जिनके गिरते मनोबल को उठाने के लिए मुझे कहानी लिखने की प्रेरणा मिली। कहानियां लिखना मेरा शौक़ ही नहीं बल्कि, मक़सद बन गया। मेरी चाहत ऐसी कहानियां लिखना है जिससे, युवाओं की मानसिक क्षमताओं को बृहद रूप में विकसित किया जा सके। आज हमारे आस पास मौजूद वातावरण पूर्णता दूषित हो चुका है। हम यह भूल चुके हैं कि, युवाओं को बचपन से ही कुछ मूलभूत बातों ज्ञान होना अनिवार्य है अन्यथा, इस चमक धमक भरी दुनिया में बच्चों को अपना वास्तविक अस्तित्व खोते देर नहीं लगेगी। बड़े बड़े धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है कि, यह संसार माया है और इससे बचना इतना आसान नहीं। दरअसल, कहानियाँ कई मायनों में हमारा आइना होती है जिनके, माध्यम से हमारे अच्छे और बुरे रूप के प्रतिबिंब को प्रदर्शित किया जाता है लेकिन, आज सोशल मीडिया की वैश्विक स्तर की साजिशों के कारण बच्चों में आपराधिक मानसिकता के साथ साथ नकारात्मकता का भी विकास हो रहा है। इंटरनेट पर मौजूद जानकारी, तथ्यात्मक भले न हो लेकिन, असरदार ज़रूर होती है जो, युवाओं में गहरा असर छोड़ती है और इसी तरह की भ्रमित करने वाली जानकारियों से युवा, अपने भविष्य का सही चुनाव करने में भी असमर्थ होते जा रहे हैं। मेरा मानना है कि, आज हमें बच्चों को उनकी वास्तविक ताक़त का एहसास कराने की ज़रूरत है। युवाओं को विज्ञान के बढ़ते हुए रूप को पहचानते हुए, अपना लक्ष्य चुनना होगा। तभी वह अपने जीवन के वास्तविक आनंद को महसूस कर सकेंगे, इसी तथ्य को आधार बनाते हुए, कुछ ज्ञानवर्धक कहानियां लिखी गई है| मुझे पूरी आशा है कि, इस किताब में मौजूद कहानियाँ, बच्चों के साथ साथ युवाओं के मानसिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
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